🔱 ધનતેરશની શુભકામના 🔱
અષ્ટ પ્રકારની લક્ષ્મી હોય છે.
૧. ધન લક્ષ્મી : જેનાથી તમારી અર્થવ્યવસ્થા સુદ્રઢ થાય.
૨. ધાન્ય લક્ષ્મી : આજીવન તમારા શરીરને પોષણ આપનારું અન્ન મળી રહે.
૩. ધૈર્ય લક્ષ્મી : તમારા જીવનમાંથી ધીરજ ખૂટે નહિ.
૪. શૌર્ય લક્ષ્મી : જીવનમાં વિકટ પરિસ્થિતિનો પ્રતિકાર કરવાની શક્તિ.
૫. વિદ્યા લક્ષ્મી : જીવનમાં શારીરિક, માનસિક, કૌટુંબિક, આધ્યાત્મિક ઉન્નત્તિ કરાવનારી વિદ્યા પ્રાપ્ત થાય.
૬. ક્રિયા લક્ષ્મી : જીવનમાં શારીરિક, માનસિક, ધાર્મિક, આધ્યાત્મિક, ઉન્નતિ કરાવનાર કર્મ થાય.
૭. વિજય લક્ષ્મી : જીવનનાં દરેક ક્ષેત્રમાં સફળતારુપી વિજયની પ્રાપ્તિ.
૮. રાજ્ય લક્ષ્મી : જે પ્રદેશમાં રહેતા હોય તે સમૃદ્ધ હોય.
આમ આ આઠ પ્રકારની લક્ષ્મીનો તમારા જીવનમાં વાસ થાય અને તમારું જીવન શારીરિક, માનસિક, આર્થિક અને આધ્યાત્મિક ક્ષેત્રે સમૃદ્ધ બને એવી ભગવાનનાં ચરણમાં પ્રાર્થના !
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क्या आप जानते हैं कि..
धनतेरस का महापर्व क्या है... और, ये क्यों मनाया जाता है
अधिकतर लोग इसे धन की पूजा मानते हैं ...तथा, इस दिन महंगे धातु खरीदते हैं... क्योंकि, हमने बचपन से ही अपने घर के लोगों को ऐसा करते देखते आए हैं ...और, इसे दीपावली के एक भाग के तौर पर मनाते हैं.
जबकि, सच्चाई थोड़ी भिन्न है... और, "धनतेरस" में.... "धन" शब्द देखकर इसे "धन की देवी माँ लक्ष्मी" से जोड़ना बहुत कुछ वैसा ही होगा .....जैसे कि, हमारे इतिहासकारों ने "कुतुबमीनार" में "कुतुब" शब्द देखकर उसे " कुतुबुद्दीन ऐबक" से जोड़ दिया...
या फिर... कोई "राहुल गांधी" शब्द में "गांधी" शब्द देखकर उसे "मोहन दास करमचंद गांधी" से जोड़ दे...!
खैर... धनतेरस के महापर्व.... "धन की देवी लक्ष्मी" के लिए नहीं बल्कि....
ब्रह्माण्ड के पहले चिकित्सक ""धन्वन्तरी"" की याद में मनाया जाता है... क्योंकि, वस्तुतः स्वास्थ्य ही सबसे "अमूल्य धन" है...!
लेकिन सिर्फ इतना ही बताने पर... कुछ मूर्ख और अल्पबुद्धि सेक्युलर प्राणी ये प्रश्न कर सकते हैं कि...... भाई... अगर स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है तो... आज के दिन .... कोई दवाई वगैरह खाना चाहिए..... भला आज के दिन धातु की खरीददारी क्यों की जाती है....?????
इसीलिए.... आगे बढ़ने से पहले... ये बताना परम आवश्यक है कि...... आज के ही दिन ..... मतलब ... कार्तिक महीने के 13 वें दिन.... समुद्र मंथन के दौरान...... दुनिया के प्रथम चिकिसक .... भगवान् धन्वन्तरी ..... हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे......
और, ऐसी मान्यता है कि.... आज के दिन धातु के बर्तन घर लाने से.... उसके साथ अमृत के अंश भी घर आते हैं.....
और, अमृत..... अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी उम्र की गारंटी होती है..... इसीलिए, आज धनतेरस के दिन दवाई ना खा कर..... धातु ख़रीदा जाता है.....
क्योंकि, दवाई से तो बीमारी का तात्कालिक समाधान होगा ... जबकि अमृत घर लाने से... बीमारी ही नहीं आएगी...!
अब साथ ही मैं यह भी बताना चाहूँगा कि..... जिस किसी भी अंग्रेजी स्कूलों में पढ़े लोगों को समुद्र मंथन की घटना काल्पनिक लगती हो... वे भागलपुर (बिहार) जाकर वहाँ मौजूद "मंदारहिल"" पर्वत देख सकते हैं..... जो आज भी मौजूद है..... और उस पर... समुद्र मंथन के दौरान हुए रस्सी (बासुकी नाग) के रगड़ के निशान अभी तक मौजूद हैं...!
खैर आगे बढ़ते हैं......
धनतेरस के बारे में एक बहुत ही प्रचलित किवदंती यह भी है कि.....
राजा हिमा का एक 16 साल का पुत्र था... जो कि कुंडली के अनुसार अल्पायु था..... और, कुंडली के अनुसार शादी के चौथे दिन .. उसकी मृत्यु सर्पदंश से होनी थी...!
परन्तु... शादी के चौथे दिन .. उसकी युवा और चतुर पत्नी ने .... राजकुमार को कहानियां एवं गीत सुना कर उसे रात भर सोने नहीं दिया..... और, राजकुमार के चारो तरफ दीप प्रज्ज्वलित कर दिया.... साथ ही शयनकक्ष के बाहर.... सोने-चाँदी.. के सिक्कों की ढेर लगा कर रख दी.....!
विधि के विधान के अनुसार .... समय पर नागिन के रूप में यमदूत आए.... परन्तु, सोने-चाँदी के सिक्कों की चमक के कारण.. नागिन की आँखें चौंधिया गयी और वो आगे नहीं बढ़ पायी.... और वहीँ.... बैठ गयी.....(यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि... सांप बहुत तेज रोशनी में नहीं देख पाते हैं) .. और अगली सुबह वापस लौट गयी....!
इस तरह... राजकुमार की युवा पत्नी ने अपने चातुर्य एवं कौशल से उस मनहूस घडी को टाल दिया और....अपने पति को बचा लिया.... !
इसीलिए ... आज की रात को ""यमदीपदान"" के रूप में भी मनाया जाता है.... और, रात भर दीप जला कर ... बाहर जल रखा जाता है...!
इसीलिए, अपने त्योहारों की सम्पूर्ण जानकारी रखें और उसे पूरे हर्षो-उल्लास के साथ मनाएँ.
आखिर... जब हमें जानकारी होगी तभी तो हम अपने बच्चों को अपने त्योहारों के बारे में पूरी जानकारी दे पाएंगे...!
इसके साथ ही ... मेरे सभी मित्रो एवं उनके सम्पूर्ण परिवारजनों को...... अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी आयु की कामना के साथ.... *"धनतेरस छौटी दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ "....!*
जय महाकाल...!!!
नोट : इस दिन लोग बहुतायत में कार /बाइक वगैरह भी खरीदते हैं... और, ऐसा मानते हैं कि आज के दिन के खरीदे गए वाहन शुभ होते हैं और वो आपातकाल में उनके मूल्यवान जीवन की रक्षा करेगी.
प्रथम श्री रामचरितमानस संघ ट्रस्ट,नई दिल्ली
-प्रस्तुतिकरण-
पं. ऋषि राज मिश्रा
(ज्योतिष आचार्य)
।।जय जय श्री राम।।
।।हर हर महादेव।।
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