Tuesday, October 26, 2021

વર્ગ 4 ના રાજ્ય સરકારના કર્મચારીઓને મળશે બોનસ

BREAKING NEWS


*ગુજરાત સરકારના વર્ગ-૪ના કર્મચારીઓ માટે બોનસ જાહેરાત જુઓ લેટેસ્ટ પરિપત્ર*

👇👇👇👇👇👇👇



👉રાજ્ય સરકારના વર્ગ 4 ના કર્મચારીઓ માટે બોનસ પરિપત્ર  👈

Wednesday, October 20, 2021

NAS 2017 માં પસંદગી પામેલ શાળાઓ દાહોદ જિલ્લો


NAS 2017 માં દાહોદ જિલ્લાની કઈ કઈ શાળાઓ પસંદ થયેલ હતી એનું લિસ્ટ મુકેલ છે.

જે તે ધોરણનું લિસ્ટ જોવા ક્લિક કરો NAS 2017

NAS 2017 માં દાહોદ જિલ્લાની કઈ કઈ શાળાઓ પસંદ થયેલ હતી એનું લિસ્ટ મુકેલ છે.


જે તે ધોરણનું લિસ્ટ જોવા ક્લિક કરો NAS 2017

લિસ્ટ જોવા 👇👇👇 ક્લિક કરો 


NAS 2017

બીજી અન્ય /શૈક્ષણિક પોસ્ટ જોવા માટે બાજુમાં આપેલા labels લિસ્ટમાં જોઈ શકો છો

કોઈ પણ પોસ્ટને જોવા /ડાઉનલોડ કરવા લાલ રંગના લખાણ/લિંક પર ક્લિક કરવું.



ધોરણ 3 માટે 👇👇

STD. 3 NAS 2017 માં પસંદગી પામેલ શાળાઓ દાહોદ જિલ્લો

ધોરણ 4 માટે 👇👇

STD. 5 NAS 2017 માં પસંદગી પામેલ શાળાઓ દાહોદ જિલ્લો

ધોરણ 5 માટે 👇👇

STD. 8 NAS 2017 માં પસંદગી પામેલ શાળાઓ જિલ્લો દાહોદ

Jio mart offer 👉 CLICK HERE

Flipkart offer👉Jimo5132.blogspot.Com

Saturday, October 16, 2021

🌑👀📓દિવાળીના શુભ મુહૂર્ત

                     દિવાળીના શુભ મુહૂર્ત





દિવાળીના શુભ મુહૂર્ત જોવા માટે 👉CLICK HERE


સ્વામી મુક્તાનંદ પરમહંસના પુસ્તકોનું લિસ્ટ.


51 શક્તિપીઠ વિશે જાણો -ચિત્રો સહીત


 ✔પ્રેરણાદાયી વાર્તા


સ્વામી વિવેકાનંદના પ્રેરણાદાયી વિચારો


સોનેરી સુવિચારો

        


                    ધનતેરશની શુભકામના  




                    અષ્ટ પ્રકારની લક્ષ્મી હોય છે. 


૧. ધન લક્ષ્મી : જેનાથી તમારી અર્થવ્યવસ્થા સુદ્રઢ થાય. 


૨. ધાન્ય લક્ષ્મી : આજીવન તમારા શરીરને પોષણ આપનારું અન્ન મળી રહે.


૩. ધૈર્ય લક્ષ્મી : તમારા જીવનમાંથી ધીરજ ખૂટે નહિ. 


૪. શૌર્ય લક્ષ્મી : જીવનમાં વિકટ પરિસ્થિતિનો પ્રતિકાર કરવાની શક્તિ. 



૫. વિદ્યા લક્ષ્મી : જીવનમાં શારીરિક, માનસિક, કૌટુંબિક, આધ્યાત્મિક ઉન્નત્તિ કરાવનારી વિદ્યા પ્રાપ્ત થાય. 


૬. ક્રિયા લક્ષ્મી : જીવનમાં શારીરિક, માનસિક, ધાર્મિક, આધ્યાત્મિક, ઉન્નતિ કરાવનાર કર્મ થાય. 


૭. વિજય લક્ષ્મી : જીવનનાં દરેક ક્ષેત્રમાં સફળતારુપી વિજયની પ્રાપ્તિ. 


૮. રાજ્ય લક્ષ્મી : જે પ્રદેશમાં રહેતા હોય તે સમૃદ્ધ હોય. 

આમ આ આઠ પ્રકારની લક્ષ્મીનો તમારા જીવનમાં વાસ થાય અને તમારું જીવન શારીરિક, માનસિક, આર્થિક અને આધ્યાત્મિક ક્ષેત્રે સમૃદ્ધ બને એવી ભગવાનનાં ચરણમાં પ્રાર્થના !




મારી ડાયરી 1

 મારી ડાયરી


મારી ડાયરી -એક ગઝલ 




બીજી અન્ય પોસ્ટ જોવા માટે બાજુમાં આપેલા labels લિસ્ટમાં જોઈ શકો છો
26th JANUARY PHOTOS




🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


FLN BOOK VITRAN PHOTOS



🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺






Flipkart offer👉CLICK HERE

!! *भलाई* !!
------------------------------------

``एक घर में दो भाई रहते थे। छोटी उम्र में ही उनके माता और पिता की मृत्यु हो गई थी। इस भरी विपत्ति को सहते हुए वे अपने खेतों में बड़ी मेहनत से काम करते थे। कुछ वर्षों के बाद बड़े भाई की शादी हो गई और फिर दो बच्चों के साथ उसका चार लोगों का परिवार हो गया। चूकी दूसरे बेटे की अभी शादी नहीं हुई थी फिर भी उपज को दो हिस्से में बांट दिया जाता था। एक दिन जब छोटा वाला भाई खेत में काम कर रहा था तो उसे विचार आया कि यह सही नहीं है कि हम बराबर बँटवारा करें। मैं अकेला हूँ और मेरी ज़रूरत भी बहुत अधिक नहीं हैं। 
मेरे भाई का परिवार बड़ा है, एवं उसकी ज़रूरत भी अधिक हैं। अपने दिमाग में इसी विचार के साथ वह रात अपने यहाँ से अनाज का एक बोरा ले जाकर भाई के खेत में चुपचाप रखने लगा। इसी दौरान बड़े भाई ने भी सोचा, कि यह सही नहीं है कि हम हर चीज का बराबर बँटवारा करें। मेरे पास मेरा ध्यान रखने के लिए पत्नी और बच्चे हैं लेकिन मेरे भाई का तो कोई परिवार नहीं है। अत: भविष्य में उसकी कौन देखभाल करेगा ? इसलिए मुझे उसे अधिक देना चाहिए

इस विचार के साथ वह हर दिन एक अनाज का बोरा लेता और अपने भाई के खेत में रख देता। यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा, किन्तु दोनों भाई हैरान थे कि उनका अनाज कम क्यूँ नहीं हो रहा। एक दिन एक – दूसरे के खेतों में जाते समय उनकी मुलाकात हो गई। तब उन्हें पता चला कि आखिर इतने समय से क्या हो रहा था? वे ख़ुशी से एक – दूसरे के गले लगाकर रोने लगे।```

👉सीख👈

 सच्चे मन से किये गये भलाई के काम में कभी अपना नुकसान नहीं होता है।
!! *भलाई* !!
------------------------------------
(( हरि इच्छा बलवान् ))
.
एक बार भगवान विष्णु गरुड़जी पर सवार होकर कैलाश पर्वत पर जा रहे थे। रास्ते में गरुड़जी ने देखा कि एक ही दरवाजे पर दो बाराते ठहरी थी।
.
मामला उनके समझ में नहीं आया। फिर क्या था, पूछ बैठे प्रभु को।
.
गरुड़जी बोले ! प्रभु ये कैसी अनोखी बात है कि विवाह के लिए कन्या एक और दो बारातें आई है। मेरी तो समझ में कुछ नहीं आ रहा है।
.
प्रभु बोले- हां एक ही कन्या से विवाह के लिए दो अलग अलग जगह से बारातें आई है। एक बारात पिता द्वारा पसंद किये गये लड़के की है, और दूसरी माता द्वारा पसंद किये गये लड़के की है।
.
यह सुनकर गरुड़जी बोले- आखिर विवाह किसके साथ होगा ?
.
प्रभु बोले- जिसे माता ने पसंद किया और बुलाया है उसी के साथ कन्या का विवाह होगा।
.
भगवान की बाते सुनकर गरुड़जी चुप हो गए और भगवान को कैलाश पर पहुंचाकर कौतुहल वश पुनः उसी जगह आ गए जहां दोनों बारातें ठहरी थी।
.
गरुड़जी ने मन में विचार किया कि यदि मैं माता के बुलाए गए वर को यहां से हटा दूं तो कैसे विवाह संभव होगा।
.
फिर क्या था; उन्होंने भगवद्विधान को देखने की जिज्ञासा के लिए तुरन्त ही उस वर को उठाया और ले जाकर समुद्र के एक टापू पर धर दिए।
.
ऐसा कर गरुड़जी थोड़ी देर के लिए ठहरे भी नहीं थे कि उनके मन में अचानक विचार दौड़ा कि मैं तो इस लड़के को यहां उठा लाया हूँ पर यहां तो खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है, 
.
ऐसे में इस निर्जन टापू पर तो यह भूखा ही मर जाएगा और वहां सारी बारात मजे से छप्पन भोग का आनन्द लेंगी, 
.
यह कतई उचित नहीं है। इसका पाप अवश्य ही मुझे लगेगा। मुझे इसके लिए भी खाने का कुछ इंतजाम तो करना ही चाहिए।
.
यदि विधि का विधान देखना है तो थोड़ा परिश्रम तो मुझे करना ही पड़ेगा। और ऐसा विचार कर वे वापस उसी स्थान पर फिर से आ गए।
.
इधर कन्या के घर पर स्थिति यह थी कि वर के लापता हो जाने से कन्या की माता को बड़ी निराशा हो रही थी। परन्तु अब भी वह अपने हठ पर अडिग थी।
.
अतः कन्या को एक भारी टोकरी में बैठाकर ऊपर से फल-फूल, मेवा-मिष्ठान्न आदि सजा कर रख दिया, जिसमें कि भोजन-सामग्री ले जाने के निमित्त वर पक्ष से लोग आए थे।

माता द्वारा उसी टोकरी में कन्या को छिपाकर भेजने के पीछे उसकी ये मंशा थी कि वर पक्ष के लोग कन्या को अपने घर ले जाकर वर को खोजकर उन दोनों का ब्याह करा देंगे।
.
माता ने अपना यह भाव किसी तरह होने वाले समधि को सूचित भी कर दिया।
.
अब संयोग की बात देखिये, आंगन में रखी उसी टोकरी को जिसमे कन्या की माता ने विविध फल-मेवा, मिष्ठान्नादि से भर कर कन्या को छिपाया था, गरुड़जी ने उसे भरा देखकर उठाया और ले उड़े।
.
उस टोकरी को ले जाकर गरुड़जी ने उसी निर्जन टापू पर जहां पहले से ही वर को उठा ले जाकर उन्होंने रखा था, वर के सामने रख दिया।

इधर भूख के मारे व्याकुल हो रहे वर ने ज्यों ही अपने सामने भोज्य सामग्रियों से भरी टोकरी को देखा तो बाज की तरह उस पर झपटा।
.
उसने टोकरी से जैसे ही खाने के लिए फल आदि निकालना शुरू किया तो देखा कि उसमें सोलहों श्रृंगार किए वह युवती बैठी है जिससे कि उसका विवाह होना था।
.
गरुड़जी यह सब देख कर दंग रह गए। उन्हें निश्चय हो गया कि :–‘हरि इच्छा बलवान।’
.
‘राम कीन्ह चाहैं सोई होई।
करै अन्यथा अस नहिं कोई।’
.
फिर तो शुभ मुहुर्त विचारकर स्वयं गरुड़जी ने ही पुरोहिताई का कर्तव्य निभाया। वेदमंत्रों से विधिपूर्वक विवाह कार्य सम्पन्न कराकर वर-वधु को आशीर्वाद दिया और उन्हें पुनः उनके घर पहुंचाया।
.
तत्पश्चात प्रभु के पास आकर सारा वृत्तांत निवादन किए और प्रभु पर अधिकार समझ झुंझलाकर बोले- 
.
प्रभो ! आपने अच्छी लीला करी, सारा ब्याह कार्य हमीं से करवा लिया।
.
भगवान गरुड़जी की बातों को सुनकर मन्द-मन्द मुस्कुरा रहे थे।

*प्रथम श्री रामचरितमानस संघ ट्रस्ट,नई दिल्ली*
-प्रस्तुतिकरण-
पं. ऋषि राज मिश्रा
(ज्योतिष आचार्य)
।।जय जय श्री राम।।
।।हर हर महादेव।।

Thursday, October 14, 2021

કદવાલ પ્રા. શાળા ફળીયા શિક્ષણ

 કદવાલ પ્રા. શાળા ફળીયા શિક્ષણ







                 ળીયા શિક્ષણ જુઓ pdf

કોરોના જાગૃતિ માટેના પોસ્ટર

પોસ્ટર 1👉 Download here

બીજી અન્ય /શૈક્ષણિક પોસ્ટ જોવા માટે બાજુમાં આપેલા labels લિસ્ટમાં જોઈ શકો છો 

�� આ પણ વાંચો ��

પ્રજ્ઞા ટાઈમ ટેબલ PDF

પ્રજ્ઞા ટાઈમ ટેબલ 👉  PDF  ટાઈમ ટેબલ જોવા માટે ક્લિક કરો